The Single Best Strategy To Use For bhairav kavach

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महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं में सर्वतो गिरा

आग्नेय्यां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्डभैरवः

जो प्रतिदिन इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, उसे यक्षिणी, अप्सरा और विभिन्न देवी साधनाओं में सफलता मिलती है

आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥

Even though Bhairav Kavach could be recited easily in day by day puja, when there is any Unique would like, like defense from any tantric obstacle, success in assessment, victory in elections website and so on. then recite Bhairav Kavach with this technique.

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आयुर्विद्या यशो धर्मं बलं चैव न संशयः ।

मन्त्रेण रक्षिते योगी कवचं रक्षकं यतः।।









भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा ।

आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

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